देवब्रत मंडल
बिहार के रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि राजनीति के मायने अब धीरे धीरे बदलने लगे हैं। पहले पूर्णिया लोकसभा की सीट पप्पू यादव ने हथिया लिए, ठीक उसी तरह रूपौली विधानसभा क्षेत्र की जनता ने यह साबित कर दिखाया कि मतदाता अब पार्टी के झंडे का झंझट से खुद को अलग रहकर भी अपने हिसाब से किसी भी प्रत्याशी को विजयश्री का आशिर्वाद दे सकते हैं। लोकसभा की ही तर्ज पर रूपौली विधानसभा के उपचुनाव निर्दलीय प्रत्याशी जी दर्ज कर ली है। यहां न तो इंडिया का चला और न एनडीए का। इस उपचुनाव में नीतीश, तेजस्वी का जादू नहीं चल सका। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जीत दर्ज की है। वहीं एक निर्दलिय लालू प्रसाद यादव को ‘नोटा’ से भी कम वोट मिला और चौथे नंबर पर नोटा ही रहा। यहां निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को कुल 67,782 मत मिले हैं। जबकि जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59,578 वोट मिले। जबकि राजद की उम्मीदवार बीमा भारती तीसरे स्थान पर रहीं। बीमा भारती को 30,114 वोट मिला
निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने जदयू प्रत्याशी को 8,204 मतों से पराजित कर दिया। पूर्णिया लोकसभा की तरह ही रुपौली विधानसभा उपचुनाव में बीमा भारती तीसरे नंबर पर रहीं। निर्दलीय लालू प्रसाद यादव को 1418 वोट मिले हैं जबकि 5,675 वोटरों ने ‘नोटा’ का बटन दबाया है। मतों के हिसाब से चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा वोट नोटा को ही मिला है। पूर्णिया लोकसभा और रुपौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजे से बिहार के दिग्गज नेताओं को एक सबक सिखाने में कामयाब रहा है। इस नतीजे से राजनीतिक दलों और गठबंधन के नेताओं को बड़ा झटका दिया है। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। इस हिसाब से देखें तो रूपौली विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे कुछ और ही इशारे करता दिखाई दे रहा है।
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