गया जिले नीमचक बथानी अनुमंडल के खिजरसराय नगर पंचायत के मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी को चुनाव आयोग ने पदमुक्त कर दिया है। आयोग ने इन पर लाये गए वाद संख्या 12/23 शोभा देवी बनाम रिंकू कुमारी में 04.04.2008 के बाद दो अधिक संतान होने के मामले में दोषी पाया और राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक कुमार ने यह फैसला सुनाया है। 28 जून को आये इस आदेश में मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी पर नामांकन के समय गलत हलफनामा दायर करने एवं तथ्य छुपाने हेतु बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 447 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के तहत नियमानुसार विधिक कार्रवाई हेतु जिला निर्वाचन पदाधिकारी को कृत कार्रवाई से आयोग को अवगत कराने का आदेश भी दिया गया है। चुकी रिंकू कुमारी के दो संतान के जन्म प्रमाण पत्र एवं एक संतान के मृत्यु प्रमाण पत्र बेलागंज के रौना पंचायत से निर्गत हुआ था और इस कारण इस फैसले की गूंज बेलागंज में भी सुनाई पड़ी। आयोग के मांग पर पत्रांक 1227 दिनांक 30 दिसम्बर 23 के माध्यम से जांच प्रतिवेदन देने बाले तत्कालिन बीडीओ को भ्रामक जांच प्रतिवेदन देने एवं जांच दल में रहें प्रखण्ड सांख्यिकी पदाधिकारी और तत्कालीन संबधित पंचायत सचिव को फर्जी जांच प्रतिवेदन तैयार करने का दोषी पाया गया है और इन पर भी विभागीय कारवाई का आदेश दिया गया है। मालूम हो कि जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने बाले तत्कालीन पंचायत सेवक कृष्णबल्लभ प्रसाद पर इसी मामले में बेलागंज थाने में पूर्व में ही एक प्राथमिकी दर्ज किया जा चुका है।
जननी बाल सुरक्षा के तहत 1400 रुपया भुगतान पाना और बंध्याकरण बना बड़ा सबूत
यू तो रिंकू कुमारी ने अपने तीनों संतान के जन्म प्रमाण पत्र एवं निजी विद्यालय में नामांकन पंजी के अनुसार जन्मतिथि का साक्ष्य जो आयोग के पास दिया गया था उसके अनुसार उनके तीनो संतान का जन्म निर्धारित तिथि के पूर्व के थें । परन्तु खिजरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 27 सितम्बर 2012 को रिंकू कुमारी का बंध्याकरण के समय तीन संतानों का उल्लेख्य करना भी बड़ा साक्ष्य आयोग ने माना। इसके अलावे वादी शोभा देवी के द्वारा जो अन्य साक्ष्य आयोग के पास दिया गया वो कन्या मध्य विद्यालय लोदीपुर में तीनों संतानों के नामांकन के समय अंकित जन्म तिथि की सत्यापित प्रति थी। मालूम हो कि नगर निगम में जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र फर्जी सावित होने के बाद रिंकू कुमारी ने बेलागंज के रौना पंचायत से दो संतान के जन्म प्रमाण पत्र एवं एक संतान के मृत्य प्रमाण पत्र आयोग के पास जांच के लिए दिया गया था जिसे भी आयोग ने सही नही माना। और अंततः रिंकू कुमारी को पदमुक्त किया गया ।
चाचा ने दिया भतीजा को गच्चा
रिंकू कुमारी के पति अमीर यादव एवं इस मामले में वादी रहे शोभा देवी के पति दिनेश सिंह के बीच पिछले 15 सालों से परिवारिक संबन्ध रहें है। चुनाव में अमीर यादव ने दिनेश सिंह को समर्थन देने की बात थी पर अंत समय मे अमीर यादव ने अपनी पत्नी को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया और फिर दोनों के बीच दूरी बढ़ी। एक कहावत है जब कोई नजदीकी दोस्त यदि दुश्मन बन जाता है तो ऐसी दुश्मनी काफी घातक होता है और यहां यही हुआ। अमीर यादव अपनी पत्नी को मुख्य पार्षद बना दिया पर दिनेश यादव इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहें। रिंकू कुमारी के तीन संतान थे। जिसमें एक संतान वर्ष 2008 के बाद जन्म लिए थे, जिसकी पूरी जानकारी दिनेश यादव को थी और फिर यही कारण रहा कि दिनेश सिंह अमीर यादव को शिकस्त दिया और मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी को पद से हटाने में सफल हुए।
क्या कहतें है मुख्य पार्षद
मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी ने कहा कि मुझे जनता ने खिजरसराय के विकास का जिम्मा दिया था लेकिन गरीब की बेटी बहु को एक साजिश के तहत हटाया गया है , चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
रिपोर्ट : जितेंद्र कुमार,खिजरसराय
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