गया: बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के तत्वावधान में शुक्रवार को जिला प्रशासन के समक्ष एक दिवसीय धरना किया गया। धरनाकारी रसोइया ने अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे 21 फरवरी को विधानसभा में आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
रसोइया संघ के सचिव रामचंद्र प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रसोइया विद्यालय में बच्चों को भोजन बनाने और खिलाने का काम करती हैं, लेकिन उन्हें मात्र 1650 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलता है, वह भी 10 माह के लिए। वे चाहती हैं कि उन्हें 10 हजार रुपये प्रति माह का मानदेय दिया जाए और उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। वे यह भी मांग रही हैं कि मध्यान्ह भोजन योजना से निजी एजेंसियों और एन.जी.ओ. को हटाया जाए और इसका प्रबंधन रसोइया संघ के हाथ में दिया जाए।
धरने में शामिल रसोइया ने नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की सरकारों को अपनी मांगों को अनदेखा करने और महिला विरोधी नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया। वे नारे लगाते हुए गांधी मैदान से निकलकर काशीनाथ मोड़ तक पहुंचे और फिर जिला प्रशासन के सामने बैठ गए।
धरने का नेतृत्व करने वाले रसोइया संघ के जिला अध्यक्ष विभा भारती ने कहा कि आज देशभर में ट्रेड यूनियन, किसान, मजदूर और महिला संगठनों की हड़ताल है और रसोइया भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ती रहेंगी और अगर उनकी आवाज़ नहीं सुनी गई तो वे 21 फरवरी को विधानसभा का घेराव करेंगी।
धरने में जिले के खिजरसराय, टेउंसा, बेलागंज, टेकारी, गुरूआ, मोहनपुर, फतेहपुर, आमस, शेरघाटी, बाकेबाजार, बाराचट्टी, परैया, गुरारू ब्लॉकों से आई हजारों महिला रसोइया ने भाग लिया। इस प्रदर्शन के दौरान रसोइया सम्मानित अध्यक्ष रीता वर्णवाल, सचिव रामचद्र प्रसाद, भाकपा माले जिला सचिव निरंजन कुमार, माले नेता रवि कुमार, श्यामलाल प्रसाद, रोहन यादव, नवल किशोर यादव, अनीता देवी, वासों देवी, प्रतिमा देवी, गीता देवी, सरोज देवी, सुनीता देवी, चंचला देवी, द्रोप्ति देवी सहित हजारों की संख्या में विद्यालय रसोइया एवं उनके साथ भाकपा माले, ऐक्टू और अन्य संगठनों के नेता भी मौजूद थे।
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