देवब्रत मंडल
गया जंक्शन का विकास कार्य द्रुत गति से जारी है। करोड़ो रूपये की योजना है। गया जंक्शन के विकास कार्यों में संवेदक यानी संबंधित ऐजेंसी द्वारा यहां यात्री शेड भी हटाए जा रहे हैं। कई प्लेटफॉर्म पर हटा लिए गए शेड की वजह से यात्रियों को ट्रेन की प्रतीक्षा के दौरान धूप और बारिश(पिछले दिनों हुई) की वजह से परेशान होते देखा जा रहा है। देशी विदेशी पर्यटकों का यहां निरंतर आगमन होता रहता है। ऐसे में किसी को ‘नेचुरल कॉल’ की आवश्यकता महसूस होती है उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष कर महिला यात्रियों के लिए स्थिति विकट हो जाती है। इस संबंध में जब कुछ महिला यात्रियों से बातचीत की गई तो इनका कहना है कि मर्दों का तो काम चल जाता है, हम महिलाएं क्या करें।
इस संबंध में यात्रियों और रेलवे की संपत्ति की सुरक्षा से जुड़े विभाग के एक पदाधिकारी, यात्री सुविधाओं से जुड़े पदाधिकारी “ऑफ द रिकॉर्ड” कहते हैं कि महिला यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत इसका इंतजाम तो किया जाना निहायत जरूरी होता है। बताते हैं कि महिला यात्रियों को इस परिस्थिति में किस प्रकार की मुश्किलें झेलनी पड़ती है इसके बारे में कहना उचित नहीं।
एक और समस्याओं से रूबरू हो रहे पटना के एक यात्री रंजेश ने बताया कि पूछताछ कार्यालय से ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान की सूचनाएं तो प्रसारित की जाती है लेकिन बदली हुई व्यवस्था के बारे में कोई उद्घोषणा नहीं की जाती है। इसके लिए भी व्यवस्था जरूरी है।
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