गया नगर निगम के कठोकर तालाब में एक दुकान है। जिसकी संख्या 203 है। ये दुकान जलील अहमद के नाम से 25 जून 1993 को आवंटित करते हुए तत्कालीन निगम प्रशासक ने एकरार किया। जब दुकान बन ही रहा था तो जमील अहमद का इंतकाल हो गया। इसके बाद स्व. जमील अहमद के वारिस अकील अहमद इस दुकान में अपना व्यवसाय शुरू किया। लेकिन अब यह मामला जांच के दायरे में आ चुका है।
मोहब्बत में दे दी दुकान की चाबी, अब तालाबंदी
अकील अहमद का कहना है कि इस बीच किसी ने मोहब्बत(विश्वास) में दुकान की चाबी किसी काम के लिए मांग ली। तबसे यह दुकान अकील उनके लिए अनुपयोगी बना हुआ है। यानी तालाबंदी कर दी गई। इसके बाद किराया बकाया चलता रहा। मामला कोर्ट में गया। पहली बार कोर्ट में दुकानदार के खिलाफ आदेश पारित किया गया। कारण कि सुनवाई के दौरान स्व. जमील अहमद के वारिस उपस्थित नहीं हो पाए थे।
पुनर्विचार याचिका के बाद आया न्यायिक आदेश
इसके बाद अकील अहमद ने पुनर्विचार याचिका दायर कर बकाया किराया निगम को भुगतान करने की बात कही। कोर्ट ने इनकी बात मान ली और बकाया भुगतान करने का आदेश 25 अप्रैल 2024 को दिया।
इस आदेश का अनुपालन करते हुए अकील अहमद ने नगर आयुक्त को न्यायिक आदेश की प्रति के साथ बकाया राशि भुगतान करने हेतु 2 मई 2024 को एक आवेदन समर्पित किया। जिसमें अकील ने संपूर्ण बकाया राशि भुगतान करने की बात कही है। साथ ही यह भी कहा है कि वे बकाया राशि भुगतान के लिए तैयार हैं, उनकी दुकान उन्हें हस्तगत करा दिया जाए।
जांच पूरी होने तक कुछ नहीं हो सकता
इस संबंध में जब निगम के संबंधित विभाग के प्रभारी पदाधिकारी से वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त किया तो बताया गया कि नगर आयुक्त के आदेश पर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। जांच पूरी होने तक अकील अहमद से राशि नहीं ली जा सकती है और न तो उन्हें दुकान हस्तगत कराया जा सकता है।
जांच कमेटी में नगर प्रबंधक, मार्केट शाखा के प्रभारी पदाधिकारी, एक कनीय अभियंता तथा एक अमीन को शामिल किया गया है।
अब मामला कहां फंस रहा है?
इसकी पड़ताल के लिए magadhlive की टीम निगम पहुंची तो पता चला कि शहर के एक मोहल्ले की रहने वाली कोई अनुपमा देवी हैं। जिनके साथ तत्कालीन निगम प्रशासक ने 30 दिसंबर 1998 को कठोकर तालाब स्थित 400 वर्गफुट की दुकान(निगम की) एकरार करते हुए तय किराया पर आवंटित किया था। जिसका विवरण दिया गया कि कठोकर तालाब में सिनेमानुमा हॉल का उत्तरी भाग जिसकी मापी 20’×20′ होगा। चौहद्दी में उत्तर में निगम रोड, दक्षिण में सिनेमानुमा हाल का अंश, पूरब में निगम की जमीन और पश्चिम में निगम रोड(सड़क) दर्शाया गया है। अनुपमा देवी के साथ निगम प्रशासक ने जो एकरार किया है, उसमें दुकान का नंबर अंकित नहीं है। जबकि स्व. जमील की दुकान संख्या 203 की चौहद्दी जो बताया गया है जो इस प्रकार है- उत्तर में दुकान संख्या 202, दक्षिण में निगम रोड, पूरब में सिनेमानुमा हॉल का अंश भाग और पश्चिम में निगम रोड है।
अभी तक जांच शुरू नहीं हुई ?
नगर आयुक्त के आदेश पर गठित कमेटी में शामिल पदाधिकारी और कर्मचारी द्वारा जांच शुरू नहीं किया जा सका है। बुधवार को इस संबंध में एक पदाधिकारी ने बताया कि जांच टीम में शामिल सिटी मैनेजर अतिक्रमण वाद के निबटारा में व्यस्त हैं।
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