राजनीति हिस्सेदारी से आधी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती है:संजय सिन्हा

देवब्रत मंडल


गया शहर के रामसागर रोड में स्थित बहुआर चौरा मोहल्ला में गुरुवार को ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष सह गया नगर निगम के वार्ड पार्षद संजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में जीकेसी के वार्षिक वर्षगांठ केक काट कर धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बीते वर्ष गया जिले के सभी कायस्थ परिवार के साथ जीकेसी के साथ जुड़े थे। हमलोगों के जुड़ने के साथ ही बीते साल जीकेसी का वर्षगांठ मनाया था। इस बार ग्लोबल स्तर पर मनाया जा रहा है। इसी क्रम में गया जिला के कायस्थ परिवार के साथ जीकेसी का वर्षगांठ केक काट कर धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आज कायस्थ समाज की राजनीतिक स्थिति इस समय नगण्य है। देश प्रदेश सभी जगह हमारे समाज की हालत बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा
एक समय था जब हमारा कायस्थ समाज आधे विश्व पर राज करता था और ये राज-काज बहुत समय तक रहा। मुगलों के शासन काल मे भी हमलोग स्वयं को स्थापित किए रखा। उस समय भी बड़ा सम्मान और राजनीतिक समावेश रहा और समाज का अस्तित्व बहुत ही दमदार था। अंग्रेजी शासन काल में उच्च पदों पर रहे, लेकिन कालक्रम में राजनीतिक वजूद कम होने लगा। नब्बे के दशक में प्रवेश किया वैसे ही हमारी प्रगति, हमारे संबंध, हमारी राजनीतिक हैसियत आदि धीरे धीरे खत्म होने लगी। श्री सिन्हा ने कहा कि हम लोग सिमटने लगे और यह क्रम आज भी जारी है। इसी दशक में कायस्थ समाज में बहुत सारे संस्थाओ ने जन्म लिया। उन्होने अपने यहां पद और पदाधिकारी तो बनाए लेकिन कार्यकर्ता नहीं बना सके। इन संस्थाओ ने वायदो का पिटारा तो खोला लेकिन सब आधारहीन यह संस्थाएं राजनीतिक एवं सामाजिक विकास एवं आधार देने में नाकामयाब रहे और आज हालात है कि हम अपना राजनीतिक आधार पूरी तरह से खो चुके हैं । एक समय जो आखरी पंक्ति में खड़े हुआ करते थे। वो हमसे आगे खड़े हो गए हैं। आज जरूरत है हम राजनीतिक रूप से आगे आकर दमदार उपस्थित दर्ज कराएं। राजनीति में पुनर्स्थापित करें लेकिन ये तभी संभव है जब हम लोग आपस में चर्चा करें, एक स्वस्थ संवाद हो, खुलकर अपने विचार रखें जिससे संबंध मधुर हो और इसमें प्रगाढ़ता आए। अगर आज हम लोग अपने हक और अधिकारों के लिए जागरूक नहीं हुए तो वो दिन दूर नहीं जब हमारा अस्तित्व को नकार दिया जाए लेकिन खुशी इस बात की है कि समाज में जागृति आई है। राजनीतिक हिस्सेदारी सपना बन कर नहीं रह जाए इसलिए राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए अब एकजुटता को बनाए रखने की जरूरत है क्योंकि राजनीति हिस्सेदारी से आधी समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाती है या ये कह सकते कि राजनीतिक हिस्सेदारी समस्या हल करने की चाबी है। इस मौके पर चित्रांश सुनील कुमार सिन्हा उर्फ प्रभात शंकर, नवीन बिहार प्रसाद उर्फ झुन्ना, मनोज कुमार, सुजीत कुमार अम्बष्ट, नवीन कुमार सिन्हा, रंजन सिन्हा, सुमित कुमार सिन्हा, राजीव कुमार सिन्हा, कुमुद रंजन, अधिवक्ता अरुण कुमार सिन्हा, अनूप कुमार, रौशन कुमार सिन्हा, प्रदीप कुमार, शुभम सिन्हा, अभिराज सिन्हा, अधिवक्ता मनोज कुमार आदि मौजूद थे।