गया के लोगों ने “मांझी की नैया” पार लगा दी, किनारे पर ही रह गए कुमार सर्वजीत

दीपक कुमार/देवब्रत मंडल

गया जिला निर्वाची पदाधिकारी सह डीएम जीतनराम मांझी को विजयी होने का प्रमाणपत्र देते

पूरे देश में जहां 542 सीटों के लिए मतगणना हो रही है। वहीं गया संसदीय सीट पर पूरे मगध प्रमंडल की नजर थी। गया हॉट सीट बन गया था। अब जबकि अंतिम तौर पर केवल बैलेट पेपर के मतों का मिलान मतगणना केंद्र पर हो रहा है। सुबह से मतगणना का काम यहाँ शुरू हो चुका था। दोपहर बाद अंतिम व 26 वें राउंड में मतों की गिनती का कार्य पूरा हो चुका है। जिसकी घोषणा की जा चुकी है। इसके अनुसार 26वां अंतिम राउंड की गिनती समाप्त होने के साथ ही 1,02,263 वोटों से एनडीए प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जीत गए हैं। श्री मांझी को कुल 4,92, 732 मिले हैं। जबकि निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद प्रत्याशी पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को 3, 90, 469 वोट मिले। जीत दर्ज करने के बाद श्री मांझी विष्णुपद मंदिर गए। जहां उन्होंने भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त किया। अपनी जीत के लिए श्री मांझी ने पीएम नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गया की जनता के प्रति अपना आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने गया और बोधगया, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास की एक रूपरेखा तय कर रखी है जिसे वे पूरा करेंगे।

आपको बताते चलें कि 2019 में हुए चुनाव में गया संसदीय सीट पर एनडीए का ही कब्जा था। एनडीए ने जदयू के विजय कुमार मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया था और वे जीत गए थे। इस बार इनकी जगह पर एनडीए ने अपना उम्मीदवार हम सेकुलर के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को उम्मीदवार बनाया और श्री मांझी चुनाव जीत गए। ऐसे में कहा जा सकता है कि गया संसदीय सीट पर एनडीए का कब्जा बरकरार रहा।

विष्णुपद में पूजा करने पहुंचे जीतनराम मांझी

बताते चलें कि मतगणना शुरू होने के साथ ही जीतनराम मांझी बढ़त हासिल कर चुके थे जो लगातार बढ़ता ही गया। 21 वें और 22 वें राउंड की गिनती आते आते जीतनराम मांझी जीत के काफी करीब आ गए थे। अंतिम रूप से 26वें राउंड की गिनती के बाद इनके विजयी होने की आधिकारिक घोषणा हुई। गया के गया कॉलेज में बनाए गए मतगणना केंद्र पर डीएम डॉ त्यागराजन एसएम और वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती के संयुक्त नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा के बीच मतों की गिनती का काम शुरू हुआ। मतगणना केंद्र के आसपास 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू किया गया था। भारी संख्या में पुलिस के अधिकारी और बल के जवान तैनात थे।