✍️देवब्रत मंडल
गया नगर निगम के वार्ड नं 04 और 06 की हजारों जनता कागज के दो टुकड़ों के बीच फंस गई है। अब फैसला आना बाकी है। फैसला कब आएगा ये तो जांच करने वाले पदाधिकारी ही बता सकते हैं। पर यहाँ हालात यह है कि यदि समय से जांच पूरी नहीं हुई तो वर्षों से जो दंश हजारों जनता झेल रही है उन्हें इस बार भी झेलना ही पड़ेगा। बरसात में इन लोगों के घरों में पानी घुस जाएगा और भारी जल जमाव से सबों को घर निकलना भी मुश्किल हो जाएगा।
क्या है मामला,आइए जानते हैं
दरअसल वार्ड नं 04 एवं 06 में छोटे बड़े नाले नालियां कमोवेश बन गई है और कुछ बन रहे हैं। कुछ की योजना बन रही है। यहां सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की है। इसको लेकर इस बार नई बोर्ड ने बड़े नाले के निर्माण की योजना को धरातल पर उतारने का काम शुरू किया। लेकिन अब कुछ लोगों यह रास नहीं आ रही है। ठीकेदार को काम करने से एक कागज के टुकड़े ने रोक दिया।
निर्माण कार्य रोकने वाले का है यह तर्क
छोटकी नवादा के रहनेवाले राकेश कुमार उर्फ फंटूश ने 18 मई को एक आवेदन नगर आयुक्त को दिया। इनका कहना है कि एक साजिश के तहत नाली का निर्माण उनके घर की तरफ से मोड़कर बनाया जा रहा है। राकेश का कहना है कि नाला सीधा बनना चाहिए। लेकिन जहां उनकी मां किरण देवी पति महेंद्र प्रसाद के नाम से 1.14 डिसमल जमीन पर बना मकान है उसी तरफ से मोड़कर नाला का निर्माण कराया जा रहा है जो इनके अनुसार गलत है। इसलिए नाला के निर्माण कार्य पर रोक लगाया जाए।
इधर वार्ड पार्षद का है कहना
जब इस बात की जानकारी वार्ड नं 04 की पार्षद अनुपमा कुमारी को हुई कि कार्य पर रोक लगाने की मांग उन्हीं के क्षेत्र के एक व्यक्ति ने की है तो स्थल पर निगम के संबंधित अधिकारियों को बुलाकर मसले का हल निकालने की कोशिश कीं, लेकिन बात नहीं बनी और मामला पेचीदा हो गया। वार्ड पार्षद ने भी एक कागज का टुकड़ा अधिकारियों तक दौड़ाते हुए कहा है कि फंटूश जिस जमीन को अपनी मां के नाम बता रहा है वो जमीन सरकारी ‘पिंड’ है। एक सप्ताह के अंदर इसकी जांच पूरा करते हुए नाले के निर्माण कार्य को पूरा कराने की मांग की है। नहीं तो 3 जून को धरना प्रदर्शन करेंगी।
स्थानीय लोग जानकर हैरान व परेशान हैं
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तो वार्ड पार्षद के कोशिश से वर्षों का कोढ़(समस्या) दूर होने को है तो सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत इसे विवादित बना दिया गया है। कई एकड़ कृषि योग्य जमीन दलदल हो चुकी है और बरसात में लोगों के घरों में नाली और बारिश का पानी घुस जाता है। यह नाला इस बार बरसात शुरू होने के पहले नहीं बन पाया तो कई घर डूब जाएंगे। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा।
जानकारों का हैं कहना
जिस जमीन के बारे में फंटूश का कहना है कि उनकी मां किरण देवी के नाम से यह जमीन है। उसके बारे में आसपास के लोग और जानकारों ने जो इस जमीन के बारे में अंचल कार्यालय से जानकारी जुटाई है, उसके अनुसार खाता नंबर पु. 102 और प्लाट नंबर 139 का कोई रिकॉर्ड किरण देवी पति महेंद्र प्रसाद के नाम से दर्ज नहीं है। लोगों ने बताया कि किरण देवी के नाम से पांच रैयतों का रिकॉर्ड तो अंचल में मिलता है लेकिन जितने किरण देवी हैं उनमें से किसी के पति के नाम महेंद्र प्रसाद नहीं है।
अब इन दो कागज के टुकड़ों ने दो वार्ड की जनता को उलझा दिया
वार्ड नं 04 और 06 के लोगों का कहना है कि राकेश कुमार उर्फ फंटूश द्वारा और वार्ड पार्षद के द्वारा कागज अधिकारियों तक तो पहुंचा दिया गया है। पार्षद चाहती है कि जांच जल्द पूरा हो जाए ताकि नाला निर्माण कार्य समय से पूर्ण हो जाए तो हजारों लोगों को राहत मिलेगी। जबकि फंटूश का कहना है कि उनकी जमीन पर बन रहे नाले के कार्य पर अविलंब रोक लगाया जाए। ऐसे में दो वार्ड की जनता उलझ कर रह गई है।
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