✍️ देवब्रत मंडल
गया व्यवहार न्यायालय से छः साल पहले हुई सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पीड़िता को न्याय मिला। अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ साथ आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई है। पहली बार गया व्यवहार न्यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एकसाथ 10 अभियुक्तों को सजा सुनाई है।
सभी की निगाहें न्यायाधीश की ओर थी
गया व्यवहार न्यायालय में जब फैसला सुनाया जा रहा था तो सभी की निगाहें न्यायाधीश की तरफ थी। पॉक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश असिताभ कुमार ने सोमवार को अभियुक्त श्रीचंद कुमार, गुड्डू मांझी और रंजीत कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि इसी मामले में दोषी प्रकाश रविदास, पिंटू रविदास, बबलू रविदास , सौरव कुमार, बीकू कुमार उर्फ राहुल, संजय कुमार एवं भूषण रविदास को 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। वहीं विभिन्न धाराओं के तहत सात हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। आईपीसी की धारा 376(डी) में 20 वर्ष और 5000 रुपया आर्थिक दंड, 323 भादवि के अंतर्गत एक साल और 500 रुपया , 354 (डी )में तीन साल एवं पांच सौ रुपया , 342 भादवि में एक साल एवं पांच सौ रुपया , 452 भादवि में पांच साल एवं पांच सौ रुपया का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। न्यायालय में
अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन और कमलेश कुमार सिन्हा ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। जबकि बचाव पक्ष की ओर से चार अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखा।
दुष्कर्म का वीडियो वायरल हुआ था
घटना 25 अगस्त 2018 की है। गया शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव में पीड़िता के साथ दोषियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। घटना तब सामने आया था, जब इस कांड का एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो के वायरल होने के बाद शहर के मुफस्सिल थाना के तत्कालीन दरोगा राकेश कुमार के बयान पर आरोपियों के विरुद्ध कांड दर्ज किया गया था। इस मामले में पीड़िता, इनके परिजन, चिकित्सा पदाधिकारी एवं चार पुलिस पदाधिकारियों की न्यायालय के समक्ष गवाही सरकार की ओर से कराई गई थी। इस मामले में 11 लोगों की गवाही अभियोजन की ओर से कराई गई थी, जबकि बचाव पक्ष से एक व्यक्ति की गवाही कराई गई थी। वायरल वीडियो की तकनीकी रूप जांच पुलिस ने कराई थी, जिससे आरोपियों की पहचान हुई। बाद में कांड संख्या 356 /18 दर्ज की गई थी।