देवब्रत मंडल
सुर सलिला गयाजी ट्रस्ट द्वारा संस्था के संस्थापक सह सचिव स्वर्गीय रवि आचार्य को श्रद्धांजलि स्वरुप समर्पित “स्मरणांजलि” कार्यक्रम अंतर्गत ‘मल्हार महोत्सव’ का आयोजन गया शहर के राम सागर तालाब के समीप एक रीजेंसी में किया गया. इस अवसर पर सर्वप्रथम स्व. रवि आचार्य को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम में पद्मभूषण पंडित साजन मिश्रा द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई. इनका साथ हारमोनियम पर पंडित धर्मनाथ मिश्र (लखनऊ), तबला पर पंडित राजेश कुमार मिश्रा(बनारस) तथा दूरदर्शन निदेशक दूरदर्शन पटना के निदेशक डॉ राजकुमार नाहर तथा सारंगी पर विनायक सहाय(गया) ने संगत दिया. इस अवसर पर कई संगीत- प्रेमी, बुद्धिजीवी, समाजसेवी ,संगीतज्ञ उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉक्टर केके. नारायण ने जबकि ट्रस्ट के सचिव राजेश्वर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया. विदित हो कि ट्रस्ट के द्वारा आयोजित समापन के पूर्व सात दिवसीय शास्त्रीय गायन कार्यशाला का आयोजन पद्मभूषण पंडित साजन मिश्रा (बनारस घराना) के निर्देशन में किया गया. जिसमें देश के विभिन्न भागों से कई छात्र-छात्राओं की भी भागीदारी रही.दो सत्रों में चले इस आयोजन में पंडित साजन मिश्रा के गायन के पश्चात कार्यशाला में भाग ले रहे प्रतिभागियों में अव्वल रहने वाले प्रतिभागी को अपनी हुनर को गायकी के माध्यम से प्रस्तुति दी गई थी. जिन प्रतिभागियों को कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर मिला उनमें प्रमुख थे हरविंदर सिंह(पंजाब), शुभ्रा डे (आसाम), राशि पंत(देहरादून), डॉ0 रेणु गुप्ता(दिल्ली) गरुण मिश्र(गया), निषाद व्यास(पूणे), दिनेश पाठक (औरंगाबाद) पुलकित शर्मा, महेश लाल हल, .पंडित साजन मिश्रा के साथ सहगायक थे ठुमरीगायन के सुप्रसिद्ध गायक-कलाकार राजन सिजुआर, पंडित धर्मनाथ मिश्र(लखनऊ). कार्यशाला अन्तर्गत वाद्य यंत्रों में जिनकी भागीदारी रही, उनमें प्रमुख थे हारमोनियम पर कौशिक मित्रा(दिल्ली), धर्मनाथ मिश्रा (लखनऊ), सर्वोत्तम कुमार(गया) सारंगी पर विनायक सहाय (गया)), तबला पर राजेश कुमार मिश्रा(बनारस) दिनेश मउआर(गया). कार्यक्रम की विशेषता रही कार्यशाला के निर्देशक पंडित साजन मिश्रा के साथ कार्यशाला में भाग ले रहे प्रतिभागियों के बीच अभ्यास के दौरान सभी का बारी-बारी से अपनी प्रस्तुति को विभिन्न रागों में प्रस्तुत करना.
उक्त अवसर पर महेश लाल गुपुत के द्वारा पंडित साजन मिश्रा को सम्मानित किया गया. कार्यशाला के अंतर्गत कई रागें कई मसलन राग बैरागी, राग शुद्ध सारंग ,भटियार ,तोड़ी , भैरवी, भीमपलासी, परदीप ,राग कौशिकी कंहडा में बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल , राग यमन आदि की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही. इस अवसर पर कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पंडित साजन मिश्रा के कर- कमलों द्वारा दिया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही उनमें प्रमुख थे डा. नन्द कुमार गुपुत, डा. के.के.नारायण, सिंह, राय मदन किशोर, हरिश्वर सिंह, दिनेश मउआर, कैप्टन जीवेश्वर सिंह आदि.