देवब्रत मंडल
गया के रेलवे कॉलोनियों में कर्मचारी आवासों पर अनाधिकृत रूप से कब्जा कर रह रहे लोग अब काफी दिन तक नहीं रह पाएंगे। बहुत जल्द ही ऐसे कर्मचारी आवासों को तोड़ दिया जाएगा। इस कार्य को लेकर एक टीम गठित की गई है।
यह टीम तीन दिनों से लोको कॉलोनी में सर्वे किया। जिसमें अधिकांश आवासों पर अनाधिकृत लोगों का कब्जा पाया गया। टीम में शामिल एक वरीय प्रशाखा अभियंता ने बताया कि शुक्रवार तक 450 कर्मचारी आवासों की जांच और सर्वे किया गया। ऐसे आवासों के विद्युत एवं जलापूर्ति कनेक्शन काट दिया गया। साथ ही चेतावनी दे दी गई है कि जितनी जल्द हो सके अपना अपना सामान आवास से निकाल लें और आवास को खाली कर दें। अन्यथा रेल प्रशासन ऐसे लोगों के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करेगा।
टीम को आते देख भाग खड़े हुए अनाधिकृत लोग
टीम को देखते ही अनाधिकृत रूप से रह रहे कई लोग अपने अपने आवास में ताला लगाकर भाग खड़े हुए। इस टीम में शामिल यूनियन के वरीय नेता मुकेश सिंह के अलावा अभियंत्रण विभाग के वरीय प्रशाखा अभियंता (आईओडब्ल्यू) वाई. पी. शर्मा, विद्युत विभाग के वरीय प्रशाखा अभियंता सी. रजक तथा आरपीएफ़ के उपनिरीक्षक संजय सिंह के अलावा काफी संख्या में बल के जवान शामिल थे।
लोको कॉलनी के करीब450 आवास का हो चुका सर्वे व जांच
बता दें कि इसके पूर्व इंस्पेक्टर कॉलोनी, धनियाबाग़ीचा कॉलोनी में सर्वे सह औचक निरीक्षण किया गया था।
टीम में शामिल एक प्रशाखा अभियंता ने बताया कि लोको कॉलोनी के करीब 450 कर्मचारी आवासों की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि अधिकतर आवासों में अनाधिकृत लोग ही रह रहे हैं। इस कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट सहायक मंडल अभियंता के माध्यम से डीडीयू मंडल मुख्यालय भेजा जाएगा।
यूनियन काफी समय से ये मुद्दा उठा रहा था
बता दें कि ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की गया शाखा के पदाधिकारी विभिन्न रेलवे कॉलोनियों के कर्मचारी आवासों की समस्याओं को लेकर पत्राचार करते रहे हैं। यूनियन का मानना है कि अवैध तरीके से कर्मचारी आवासों में रहने वाले लोगों के कारण वास्तविक कर्मचारियों को काफी असुविधा होती है। उनके आवासों की मरम्मत और अन्य समस्याओं को लेकर मंडल मुख्यालय में स्थायी तंत्र वार्ता(पीएनएम) में मुद्दा उठाया जाता रहा है। कॉलोनी में बेकार हो चुके आवासों में अवैध कारोबार करने वाले अपना ठिकाना बना चुके हैं। कई तरह की आपराधिक घटनाएं रेलकर्मी और उनके आश्रितों के साथ घटित हो चुकी है।