बोधगया: मगध विश्वविद्यालय में 27 और 28 सितंबर 2024 को आयोजित हो रहे दो दिवसीय मल्टी डिसिप्लिनरी संगोष्ठी का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी शाही ने दीप प्रज्वलन कर किया। उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय का कुलगीत संस्कृत विभाग की डॉ. एकता वर्मा और दर्शनशास्त्र विभाग की डॉ. प्रियंका तिवारी के संयोजन में प्रस्तुत किया गया। कुलगीत की प्रभावशाली प्रस्तुति सुश्री गुंजा कुमारी, प्रियंका कुमारी, सोनी कुमारी, अमिषा कुमारी और रजिया ने दी, जो आयोजन की गरिमा को और बढ़ा गई। संयोजक डॉ. सरिता वीरांगना ने संगोष्ठी के आयोजकों को बधाई देते हुए सभी प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत किया।
डॉ. रहमत जहान, संगोष्ठी की निदेशक के रूप में, ने सेमिनार के विषय का परिचय दिया और अंग्रेजी साहित्य के प्रामाणिक ग्रंथों के माध्यम से इसके प्रमुख तत्वों की अंतर्संबंधता पर प्रकाश डाला। सत्र के कार्यकारी अध्यक्ष, प्रो. बीआरके सिन्हा, ने विषय के तत्वों को भूगोल और समय के साथ जोड़ते हुए अपनी विशिष्ट व्याख्या प्रस्तुत की, जिससे सभी प्रतिभागियों को विषय की गहराई समझने में मदद मिली।
मुख्य वक्ता का प्रेरक संबोधन
मुख्य वक्ता प्रो. प्रभात कुमार सिंह ने साहित्य, संस्कृति और रचनात्मक कलाओं की भूमिका पर अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने साहित्यिक विषयों के भीतर पर्यावरण अध्ययन के महत्व, विभिन्न भाषाओं में अनुवाद की कठिनाइयों और एक स्वदेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। अपने प्रेरक संबोधन के अंत में उन्होंने मातृभाषा के सम्मान और अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया, जिसने श्रोताओं को गहरे प्रभावित किया।
समापन और धन्यवाद ज्ञापन
सत्र का समापन आयोजन सचिव प्रो. संजय कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसके बाद राष्ट्रगान का आयोजन हुआ। मंच संचालन डॉ. अमृतेंदु घोषाल और डॉ. पूजा द्वारा किया गया। संगोष्ठी में प्रो. सुशील कुमार सिंह, प्रो. नीरज कुमार सहित विश्वविद्यालय के प्रमुख प्राध्यापक और शोध विद्यार्थी—प्रखर, शैलेन्द्र, पंकज, मधुरेन्द्र, अंकित, अविनाश, राहुल, श्वेता, धैर्यवर्धन, प्रिया और अमिषा—उपस्थित थे।