✍️दीपक कुमार
गया: गया केंद्रीय कारागृह में बुधवार को कैदियों और कर्मचारियों के बीच एक विशेष सत्संग का आयोजन किया गया। इस सत्संग में संत रामपाल जी महाराज के प्रवचनों का प्रोजेक्टर और स्पीकर के माध्यम से प्रसारण किया गया, जिसे कारागार के लगभग दो हजार से अधिक कैदियों और जेल के कर्मचारियों ने बड़े आनंद से सुना।
संत रामपाल जी के अनुयाइयों ने सत्संग सुनने वालों को उनकी द्वारा लिखी गई पुस्तकें “जीने की राह” और “ज्ञान गंगा” नि:शुल्क बांटीं और उन्हें सभी बुराइयों को त्यागकर एक नेक जीवन जीने की प्रेरणा दी। इस मौके पर उपस्थित संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई भक्त पंकज दास ने बताया कि इन पुस्तकों में पूर्ण परमात्मा के अद्वितीय तत्वज्ञान का वर्णन किया गया है, जिसके अनुसार हमारे गुरुदेव संत रामपाल जी एक निर्मल समाज का निर्माण करने के लिए प्रयत्नशील हैं और वह विश्व को सतभक्ति प्रदान कर मोक्ष करवा सकते है। उन्होंने कहा कि करीब 3 हजार आध्यात्मिक पुस्तक वितरण किया गया है।
इस मौके पर उपस्थित जिला सेवादार भक्त रूपेश दास ने बताया कि हमारे गुरुदेव संत रामपाल जी किसी भी धर्म का विरोध नहीं करते, बल्कि सभी धर्मों के ग्रंथों का सम्मान करते हैं। वह अपने अनुयाइयों को शुद्ध आचरण, सामाजिक उत्थान, नशा मुक्ति, दहेज विरोध, बेटी बचाओ, पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने बताया कि गया कारागृह में आयोजित सत्संग को एक ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि यह उनके गुरु की कृपा है, जिसने उन्हें इस अवसर पर जेल में बंद कैदियों के बीच सत्यज्ञान का प्रचार प्रसार करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि हम आशा जताते हैं कि इस सत्संग से कारागार के बंदियों को एक नई दिशा मिलेगी और वे अपने जीवन में सुधार लाएंगे। इस मौके पर संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई , नागेंद्र दास, मिथलेश दास, वीरेंद्र दास, सुरेंद्र दास, प्रवीण दास, केशव दास, दीपक दास, सुशील दास, सोनिया दासी, करिश्मा दासी, लक्ष्मी दासी, सुनैना दासी सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे और सेवा में सहयोग किए।