देवब्रत मंडल
आईआईएम बोधगया के भव्य स्थायी परिसर का उद्घाटन 20 फरवरी को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति में किया जायेगा। 2015 में भारत के शिक्षा मंत्रालय के तहत स्थापित, आईआईएम बोधगया 30 छात्रों के अपने उद्घाटन बैच से 293 शहरों और 26 राज्यों के 1,110 से अधिक छात्रों के नामांकन तक विकसित हुआ है। संस्थान ने शैक्षणिक उत्कृष्टता और समावेशी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता बनाए रखी है, जिसमें छात्र समूह में 31.7 प्रतिशत से अधिक छात्राएं शामिल हैं। परिसर में भविष्य में प्रदान की जाने वाली उत्तम एवं अत्याधुनिक शिक्षा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन की गई अत्याधुनिक स्मार्ट कक्षाएं हैं। ‘प्रज्ञता’- लाइब्रेरी ज्ञान के केंद्र के रूप में स्थित हो कर छात्रों के लिए ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के माध्यम से विशाल संसाधनों का प्रबंधन करती है। शैक्षणिक सुविधाओं के अलावा, परिसर में छात्रों के उत्साहपूर्ण और जीवंत अनुभव में योगदान देता हुआ अत्याधुनिक जिम सुविधाओं और बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल और क्रिकेट के प्रावधानों के साथ एक खेल परिसर भी शामिल है। वहीं, छात्रावास बाजरा-आधारित व्यंजनों पर ध्यान देने के साथ स्वस्थ जीवन पर जोर देता है। इसके अलावा, परिसर एक चिकित्सा केंद्र और फैकल्टी एवं स्टाफ के आवासों के लिए समर्पित चार टावरों से सुसज्जित है।आईआईएम बोधगया, मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी), और कॉर्पोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) जैसी गतिविधियों के माध्यम से समाज पर एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। संस्थान ने आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्य का समर्थन करते हुए 3000 से अधिक सूक्ष्म उद्यमियों को प्रशिक्षित किया है। इसके अतिरिक्त. आईआईएम बोधगया द्वारा, पुलिस कर्मियों, बिहार पुलिस अकादमी और बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड रूरल डेवलपमेंट (बिपार्ड) जैसे संस्थानों सहित लगभग 2000 प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जो संस्थान की प्रशासनिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है और जन सेवा भाव को बढ़ावा देता है।