देवब्रत मंडल
लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण का मतदान चल रहा है। 01 जून को गया-पटना और गया-डीडीयू रेलखंड पर पड़ने वाले सासाराम और जहानाबाद संसदीय क्षेत्र में चुनाव को ध्यान में रखते हुए गया रेलवे स्टेशन पर विधि व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था संघारण को लेकर आरपीएफ/जीआरपी द्वारा संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसके पहले 19 अप्रैल को पहले चरण में संपन्न हुए गया और औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में मतदान के बाद रांची से चलकर गया जंक्शन से होकर पटना जाने वाली वंदे भारत ट्रेन में काफी संख्या में चुनाव कार्य में लगाए गए बल के जवान अनाधिकृत रूप से इस ट्रेन में कब्जा जमा लिया था और पटना जंक्शन तक के सफर के दौरान इस ट्रेन के यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी। मामला हाईलाइट हो गया था। यात्रियों ने सीधे इसकी शिकायत रेल मंत्रालय तक पहुंचा दिया था। इसके बाद रेल प्रशासन के हाथ पांव फूलने से लगे थे। इसके बाद दूध से जला मट्ठा भी फूंक कर पीने वाली कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। इसी तरह की आशंका और संभावना को देखते हुए अंतिम चरण के मतदान को लेकर गया जंक्शन पर शनिवार (01जून) को आरपीएफ़ और जीआरपी ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया।
इस बाबत पूछे जाने पर आरपीएफ़ के गया जंक्शन के पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश ने बताया कि 19,4.2024 को औरंगाबाद और गया में मतदान हुआ था। चुनाव समाप्ति के उपरांत बहुत से महत्वपूर्ण गाड़ियों में अनाधिकृत रूप से चुनाव ड्यूटी में प्रतिनियुक्ति कर्मी एवं पुलिस/बलकर्मी द्वारा यात्रा किया गया था। जिससे वंदे भारत गाड़ी में यात्रारत यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। जिसे ही दृष्टिगत रखते हुए आज 01 जून को गया जंक्शन के आसपास संसदीय क्षेत्र में हो रहे मतदान के उपरांत मतदान कर्मी एवं पुलिस/ बलकर्मी को रेल मार्ग से यात्रा भारी संख्या में यात्रा करने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। जिसको लेकर रेलवे प्रशासन और बिहार सरकार अलर्ट है। उसी के आलोक में आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा गया स्टेशन पर मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान गया रेलवे स्टेशन तथा प्लेटफार्म पर महत्वपूर्ण गाड़ी जैसे वंदे भारत , पूर्वा एक्सप्रेस और अन्य महत्वपूर्ण गाड़ियों में आरपीएफ और जीआरपी के द्वारा संयुक्त रूप से गस्त करते हुए अभियान चलाया जा रहा है और सुरक्षित गाड़ियों को पास कराया जा रहा है।
वैसे बताते चलें कि पहले चरण में हुई घटना को लेकर आरपीएफ़ के उच्चाधिकारियों को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन जांच रिपोर्ट सार्वजनिक किया गया है और न यह बताया गया कि कितने जवानों से रेलवे एक्ट के तहत अनाधिकृत यात्रा करने के जुर्म में कितना आर्थिक जुर्माना वसूला गया। देखा जाए तो पूर्व मध्य रेल अंतर्गत टिकट चेकिंग अभियान की रिपोर्ट मीडिया से साझा की जाती है लेकिन 19 अप्रैल को जो वंदे भारत ट्रेन में हुआ, उसके बारे में मीडिया को अबतक कुछ भी नहीं बताया जा रहा है।