देवब्रत मंडल
जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में मंगलवार को भू अर्जन विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक गोपनीय कार्यालय के सभाकक्ष में की गई। डीएम ने जिला भूअर्जन पदाधिकारी के साथ सदर एव शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी एवं सभी अंचलाधिकारी को कहा कि गया ज़िले से होकर कई नेशनल परियोजना की सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। कई योजनाएं संचालित है। सभी अधिकारी का दायित्व है कि परियोजनाओं के संचालन में कहीं कोई दिक़्क़त न हो इसके लिये नियमित समीक्षा एवं कार्य की प्रगति को देखते रहें। परियोजना में गया ज़िला का जो पैच है वो पूरी अच्छी तरह बने, इस पर ध्यान दें।
भू अर्जन कार्यालय से संचालित एनएच 119 डी भारत माला (आमस से रामनगर) सड़क परियोजना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। एनएच 119 डी भारतमाला आमस से रामनगर निर्माण योजना के समीक्षा में बताया गया कि इस योजना के तहत कुल 57 राजस्व ग्राम है तथा इसकी प्राक्कलित राशि 254.733 करोड़ में से 180.03 करोड़ रुपये की राशि रैयत के बीच बतौर मुआवजा वितरित की जा चुकी है। ज़िला भूअर्जन पदाधिकारी ने बताया कि 6 अंचलों में मौजावार शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने उक्त योजना के तरह अंचल स्तर से एलपीसी निर्गत में धीमी प्रगति को देखते हुए निर्देश दिया कि कैंप के माध्यम से रैयत के बीच एलपीसी निर्गत करने में तेजी लाएं। जिला पदाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि भूमि के मापी के नाम पर कार्य धीमा ना रखें। अधिक से अधिक एलपीसी निर्गत करें। रैयतों की सूची बनाएं और कैंप के माध्यम से एलपीसी निर्गत करें। प्रतिदिन प्रोजेक्ट की समीक्षा अंचल अधिकारी से करें। साथ ही रैयतों को उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित पूरी जानकारी दें। जानकारी के अभाव में रैयतों को मुआवजा प्राप्त हेतु आवेदन जनरेट नहीं हो रहा है। हर तीन दिन पर एलपीसी पंजी को जिला भूअर्जन कार्यालय में भी उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया। लंबित मुआवजा भुगतान के प्लॉट वार सूची उपलब्ध करवाने के साथ साथ किस कारण से मामला लंबित है, इसकी भी जानकारी अंकित करते हुए प्रतिवेदन उप्लब्ध करवाने का निर्देश सभी अंचलाधिकारी को दिया। साथ ही रैयतों की सूची के अनुसार एलपीसी निर्गत करने को कहा गया। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी, सहायक समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, ज़िला भूअर्जन के अधिकारीगण, संबंधित अंचलाधिकारी, अमीन, एनएचआई के अधिकारीगण उपस्थित थे। इधर, बिहार में विशेष रेल परियोजना ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की जा चुकी भूमि के कुछ रैयतों ने बताया कि लंबे समय से वादों का निबटारा भी अंचल कार्यालय से प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किए जाने के कारण लंबित है। जिससे समय से वादों का निबटारा जिला भू अर्जन पदाधिकारी के न्यायालय से नहीं हो पा रहा है।