✍️देवब्रत मंडल
सरकार ने गया के डिप्टी मेयर से पूछा-क्यों नहीं आपको पद से हटाने की कार्रवाई की जाए?
गया नगर निगम के डिप्टी मेयर चिंता देवी को पद से हटाने से पहले सरकार ने इनसे दस दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा है। डिप्टी मेयर चिंता देवी को इस आशय का पत्र सरकार ने 31 जुलाई को ही भेजा है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव राजेश्वर राज ने भेजा है। इस पत्र के माध्यम से सरकार ने डिप्टी मेयर से कहा है कि 25 जून 2024 को बिहार लोकल बॉडीज एम्प्लाइजफेडरेशन की गया इकाई के बैनर तले नगर कर्मियों को एसीपी का लाभ, सातवें वेतन का लाभ, दैनिक कर्मियों को ₹ 100 प्रतिदिन दैनिक पारिश्रमिक आदि में वृद्धि की मांग को लेकर नगर निगम कार्यालय के समक्ष आपके नेतृत्व में रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया है। वहीं गत वर्ष कुछ पार्षदों के साथ मिलकर आपके द्वारा पितृपक्ष मेला के पूर्व हड़ताल करने का प्रयास किया गया था।
सरकार ने कहा है कि आपका यह कृत्य बिहार नगरपालिका अधिनियम के प्रतिकूल है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव ने कहा है कि इन्हीं सबों के आलोक में पत्र प्राप्ति के 10 दिनों के अंदर डिप्टी मेयर चिंता देवी को स्पष्टीकरण समर्पित करने को कहा है। सचिव ने कहा है कि क्यों नहीं गया नगर निगम के उप मुख्य पार्षद के रूप में कर्तव्यों के निर्वहन में दुराचार के लिए बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 25 के प्रावधान के आलोक में आपको गया नगर निगम के उपमुख्य पार्षद पद से हटाने की कार्रवाई की जाए?
बताते चलें कि गया नगर निगम के आयुक्त आईएएस अभिलाषा शर्मा ने 27 जून 2024 को एक पत्र नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को लिखा था। इस पत्र के माध्यम से नगर आयुक्त ने प्रधान सचिव को बताया है कि निगमकर्मियों एवं दैनिक कर्मियों के विभिन्न मांगों को लेकर उपमहापौर के नेतृत्व में 25 जून 24 को नगर निगम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया है। साथ ही गत वर्ष पितृपक्ष मेला के पूर्व हड़ताल कराने का प्रयास किया गया था तो इस सम्बंध में एक पत्र 21.11. 2023 विभाग के प्रधान सचिव को भेजा गया था। साथ प्रदर्शन करने का वीडियो क्लिप और विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के कतरन की छायाप्रति सरकार के पास भेजा था।
नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा ने प्रधान सचिव को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि डिप्टी मेयर चिंता देवी द्वारा सरकार द्वारा बनाए गए अधीनियम/विनियम एवं विभागीय दिशा निर्देश के विरुद्ध कार्य के लिए दवाब बनाया जाता है। जो बिहार नगरपालिका अधिनियम 25(5) का उल्लंघन है।
अब देखना होगा कि डिप्टी मेयर अपने पद पर बने रहने को लेकर सरकार के पास क्या स्पष्टीकरण भेजती हैं। जवाब से सरकार कितना संतुष्ट होती है, इसके लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा।