देवब्रत मंडल
नाम रवि प्रकाश सिंह। ये नाम आपने सुना होगा। यदि पुलिस विभाग में थोड़ी बहुत रुचि रखते हैं तो उतना चर्चित नाम नहीं लेकिन कमोवेश गया के लोगों को थोड़ा बहुत जरूर याद होगा। फिलहाल सरकार ने इनके कार्य और अबतक के दिए गए दायित्वों के सही तरीके से निर्वहन करते हुए आने के कारण इन्हें पुलिस उपाधीक्षक के पद पर प्रोन्नति देते हुए एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। रवि प्रकाश सिंह को एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (मानव व्यापार निरोधी इकाई) में डीएसपी की जिम्मेदारी सौंपी है। पटना मुख्यालय में इनकी पदस्थापना की गई है। एडीजी कमजोर वर्ग मल्लार विज्जी के नेतृत्व में काम करने का अवसर मिला है। श्री सिंह ने बताया कि गया से इनका गहरा लगाव रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जो दायित्व इस बार सरकार ने उन्हें सौंपा है, उसका ईमानदारी से निर्वहन करते हुए मानव व्यापार जैसे घृणित और संगठित अपराध को खत्म कर सकूं। श्री सिंह ने बताया श्री कैलाश सत्यार्थी को करीब से जानने और समझने की कोशिश की है। समाज के हर व्यक्ति का दायित्व बनता है कि मानव व्यापार जैसे घृणित कार्य/अपराध को रोकने में सरकार की सहायता करें।
आपको स्मरण करा दें कि 1994 बैच के दारोगा रवि प्रकाश सिंह गया में रेल थानाध्यक्ष के पद पर 12 मई 2012 को योगदान दिया। उस वक्त थानाध्यक्ष पद अवर निरीक्षक संवर्ग के पदाधिकारी के लिए हुआ करता था। लेकिन बाद में सरकार ने थानाध्यक्ष का पद पर निरीक्षक संवर्ग के पदाधिकारियों के लिए कर दिया। इस आदेश के जारी होने के वक्त रेल थानाध्यक्ष रवि प्रकाश सिंह ही थे। जैसा कि बताया जाता है कि इसी पद पर इन्हें बने रहने के लिए जिलादेश भी जारी होने को था लेकिन कतिपय कारणों से नहीं हो सका।
इसके बाद रवि प्रकाश सिंह गया जिला बल में योगदान दिया। जिन्हें बाराचट्टी जैसे संवेदनशील थाना का अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद औरंगाबाद जिला में औरंगाबाद टाउन थाना, दाउदनगर थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए पुनः इन्हें रेल में सेवा देने का मौका दिया गया। बिहार की राजधानी पटना जंक्शन पर थानाध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में डीएसपी पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।