देवब्रत मंडल
भारत में कई तीर्थ स्थल ऐसे भी हैं जहां पवित्र पावन गंगा नहीं बहती है। बिहार की पावन भूमि पर गंगा कई जिले में बहती है लेकिन गया में नहीं बहती थी। यहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भगीरथ प्रयास से गंगा गोमुख से निकल कर गयाजी पहुंचने लगी। गयाजी तीर्थ स्थलों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहां भगवान विष्णु के चरण विद्यमान हैं। यहां पितरों को मोक्ष मिलते हैं। अन्तःसलिल फल्गु के तट पर भगवान विष्णु का मंदिर है। इस मंदिर में दर्शन मात्र से कई कुलों का उद्धार हो जाता है। ऐसे में माता सीता के अभिशाप से फल्गु अन्तःसलिल हो गई। सनातन धर्म में इसके पवित्र जल से ‘तर्पण’ का विधान है। जिसके जल स्पर्श करने से पाप धुल जाते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भगीरथ प्रयास रंग लाया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भगीरथ प्रयास से गंगा गोमुख से निकल कर गयाजी की पावन धरा पर उतरी। मुख्यमंत्री अपने अनुभवों में पहले ही कह चुके हैं कि फल्गु में पानी नहीं रहने(ऊपरी सतह पर नहीं बहने) के कारण तीर्थयात्रियों को तकलीफ होती है। उनकी बात को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहराई से समझा और उन्होंने गयाजी में गंगाजल लाने की गंगा उद्भव योजना बनाई और फलीभूत हुई।
मुख्यमंत्री की परिकल्पना साकार रूप ले रही
इस वर्ष पितृपक्ष मेला महासंगम 2024 में तैयारियों के लिहाज से देखें तो काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। इस वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच है कि गयाजी में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए आ रहे तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं गंगाजल उपलब्ध कराया जाए। जो अपने अपने घरों तक ‘पाप नाशिनी’ गंगा जल को ले जाएं।
इस वर्ष पितृपक्ष मेले की यह है अनूठी पहल,लोग कर रहे सराहना
इस वर्ष के मेले की सबसे अनूठी और अच्छी पहल हुई है कि यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है। लोग इस जल से तर्पण भी कर रहे हैं और अपने बड़ी श्रद्धा से साथ ले भी जा रहे हैं। जिसकी सराहना अन्य प्रदेशों से यहां आ रहे तीर्थयात्री कर रहे हैं।
गया जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम को जब सीएम नीतीश कुमार ने इस योजना के बारे में बताया तो डीएम ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार की। जिसमें जल संसाधन विकास(गंगाजल) और गया के सुधा डेयरी को शामिल किया गया।
इनके संयुक्त प्रयास से घर घर पहुंच रहा है गयाजी का गंगाजल
इन दोनों के संयुक्त प्रयास से तीर्थयात्रियों को गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस संबंध में मिल रही जानकारी के अनुसार 16 सितंबर से ही सुधा डेयरी द्वारा गंगाजल को पैक कराया जा रहा है और इस पैकेट को मुख्यमंत्री के संदेश के साथ तीर्थयात्रियों को हस्तगत कराया जा रहा है।
इन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है इस योजना को फलीभूत करने में
गया डेयरी में गंगाजल को पैकेजिंग के साथ साथ मेला क्षेत्रों में भेजने की जिम्मेदारी यहां के शैलेन्द्र कुमार को सौंपी गई। कोऑर्डिनेटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं जल संसाधन विभाग(गंगाजल) के कॉर्डिनेटर अजित कुमार द्वारा गंगाजल यहां से टैंकर में भेजा जा रहा है।
17 सितंबर से शुरू हुए इस वर्ष पितृपक्ष मेले में लाख से ऊपर तीर्थयात्रियों का आगमन हो चुका है। जिनमें कई एक दिन, कोई दो दिन तो कई अपनी सामर्थ्य और समर्पण के भाव से गयाजी में रहकर पिंडदान का कर्मकांड कर रहे हैं। जिन्हें जिला प्रशासन के द्वारा गंगाजल उपलब्ध कराया जा रहा है।