देवब्रत मंडल
गया नगर निगम आयुक्त से वार्ड नं 19 अंतर्गत कुजापी नाला की सफाई में हुई कथित अनियमितता की जांच शुरू हो गई है। निगम सूत्रों की माने तो आरोपी अभियंता सुबोध कुमार सिंह के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दिए जाने की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बरसात के पहले शहर के बड़े नालों सहित छोटे छोटे नालियों की सफाई के लिए आदेश निगमायुक्त द्वारा जारी किया गया था। वार्ड नं 19 की पार्षद मुन्नी देवी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सही तरीके से सफाई नहीं होने की शिकायत नगर आयुक्त भाप्रसे अभिलाषा शर्मा से की थी। इसके बाद इस मामले की जांच के लिए साफ सफाई के नोडल पदाधिकारी सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार सिन्हा को आदेशित किया गया। जिन्होंने बताया कि नगर आयुक्त द्वारा उन्हें इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। शीघ्र ही अपनी जांच रिपोर्ट नगर आयुक्त को समर्पित कर देंगे। वार्ड पार्षद मुन्नी देवी का कहना है कि उनके वार्ड अंतर्गत कुजापी नाले की सफाई विभागीय स्तर से कनीय अभियंता सुबोध कुमार सिंह द्वारा कराया जाना था लेकिन उन्होंने नाले की सफाई सही ढंग से नहीं करवाया। नतीजतन उनके वार्ड की जनता आज भी कुजापी नाले की सफाई नहीं होने को लेकर तरह तरह की शिकायतें दर्ज कराते हुए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि नाले के ऊपरी हिस्से से केवल कचरे को निकाला गया था न कि नाले की गहराई में जाकर सफाई कराई गई। जिसके कारण बहुत जल्द ही नाला फिर से भर गया। पार्षद मुन्नी देवी ने बताया कि जनता की शिकायत पर उन्होंने स्वयं सफाई कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया तो लोगों की शिकायत सही पाई गई। पार्षद मुन्नी देवी ने बताया कि इसको लेकर नगर आयुक्त को जुलाई एवं अक्टूबर महीने में दो बार पत्र सौंपकर इसकी जांच करने की मांग की थी लेकिन उस वक्त जांच नहीं कराया गया था और अब जांच करवाई भी जा रही है तो उन्हीं लोगों के द्वारा जिन लोगों के साथ मिलजुलकर कर कनीय अभियंता सुबोध कुमार सिंह ने सफाई कार्य में कोताही बरती थी। जिसका खामियाजा उन्हें (वार्ड पार्षद) को भुगतना पड़ रहा है। मुन्नी देवी ने इस मामले की निष्पक्ष और पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कराते हुए दोषियों के विरुद्ध कृत कार्रवाई से और जांच प्रतिवेदन की एक प्रति उन्हें भी उपलब्ध कराने की मांग की हैं।