शायद बहुत लोगों के इंडेक्स फिंगर में लगाई गई अमिट स्याही अभी भी नहीं मिटे होंगे। पूरी तरह से मेरे तो अभी तक नहीं मिटे हैं, हो सकता है आप में से कई लोगों के भी नहीं मिटे होंगे जो स्याही 19 अप्रैल को मतदान केंद्र पर आपकी अंगुली पर पर लगाए गए थे। जी हां! हम बात कर रहे हैं लोकसभा चुनाव 2024 की। प्रथम चरण में गया संसदीय क्षेत्र के सांसद पद के लिए चुनाव हुए। नतीजा क्या आने वाला है, ये जानने के लिए गया संसदीय क्षेत्र के छः विधानसभा क्षेत्र में भले ही चर्चा थोड़ी कम हो गई है लेकिन लालसा सभी के मन में है कि कौन अगला सांसद होगा?
मुख्य मुकाबला राजद और हम(से.) के बीच
चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही तय हो गया था कि गया संसदीय सीट से राजद और हम(से.) के बीच ही मुकाबला होगा और हुआ भी यही। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री तो दूसरी तरफ पूर्व मंत्री। अब जब मतदाताओं ने इन दोनों के भविष्य का फैसला ईवीएम में बंद कर दिया है। जो 04 जून को खुलेगा।
दो गठबंधन और दोनों ही जीत रहे हैं!
Magadhlive की टीम पूरे एक महीने तक इस बात का पता लगाने में लगी हुई थी कि आखिर जीत कौन रहा है। राजद के कुमार सर्वजीत या फिर हम(से.) के जीतनराम मांझी? हमारी टीम गया संसदीय क्षेत्र के छः विधानसभा क्षेत्र में अपने स्तर पर एक सर्वे किया और जानने की कोशिश की कि आखिर बाजी कौन मार रहा है। इस सर्वे के क्रम में टीम ने पाया कि दोनों जीत हासिल कर रहे हैं। यानी कि दोनों गठबंधन के अपने अपने दावे।
दावे और वादे के बीच झूलता परिणाम
आम लोगों से लेकर कुछ नेताओं से भी टीम की अलग अलग बात हुई तो नतीजे अबतक साफ दृष्टिगोचर नहीं होते नजर आए। आम मतदाताओं की चुप्पी तोड़ने की कोशिश की गई तो किसी ने कहा- मोदी जी(प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी) को लेकर हमने वोट किया। किसी ने कहा बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम और उनकी व्यक्तिगत छवि को देखकर वोट किया है तो जीतेंगे तो जीतनराम मांझी। सर्वे के क्रम में कुमार सर्वजीत की जीत का दावा करने वालों ने कहा कि अब मोदी और नीतीश(पीएम और सीएम) कोई फैक्टर नहीं था चुनाव में। चुनाव जात पात पर हुई। हमलोगों ने उसी हिसाब से वोट किया है और जीत कुमार सर्वजीत की ही होगी।
विधानसभा वार का आंकलन
छः विधानसभा क्षेत्र से भी सर्वे रिपोर्ट आई। बेलागंज, बाराचट्टी, बोधगया के लोगों ने कहा राजद को अधिक वोट मिले हैं। जबकि वजीरगंज और गया टाउन से सर्वाधिक वोट हम(से) को मिला है। शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र की रिपोर्ट में दुविधा थी। किसी ने कहा-पूर्व मंत्री विनय यादव इस चुनाव में उतनी सक्रियता नहीं दिखाई जितना कि भगत यादव। विधायक मंजू अग्रवाल भी उतने सक्रिय भूमिका नहीं निभा पाई। इस हिसाब से यहां राजद कमजोर स्थिति में नजर आया। जबकि हम(से.) के बारे में लोगों ने कहा-वोट कितना मिला है ये तो नहीं कह सकते हैं लेकिन रिजल्ट के दिन यह पता चल जाएगा कि हम यहां आगे रहेंगे, चाहे एक वोट से ही क्यों नहीं, लेकिन हम(एनडीए) आगे रहेंगे।
पार्टी के नेताओं के दावे भी सर्वे में शामिल
जब magadhlive की टीम इस सर्वे के क्रम में कुछ नेताओं से व्यक्तिगत जानकारी हासिल करना चाही तो उनके साथ एक साथ शर्त थी कि आपका नाम उजागर नहीं किया जाएगा, केवल आप बता दें कि मतदान के बाद आपकी स्थिति क्या है? इसमें सबसे पहले गया जिले के एक शीर्ष कांग्रेस नेता ने दावा किया कि राजद को बेलागंज, वजीरगंज, बाराचट्टी और बोधगया विधानसभा क्षेत्र से अच्छी बढ़त हासिल होगा। गया टाउन और शेरघाटी में हम पीछे रहेंगे। वहीं राजद के एक नेता ने बताया- शेरघाटी, बेलागंज, बाराचट्टी और बोधगया में हम आगे रहेंगे। जब पूछा गया कितने मतों से? तब इन दोनों नेताओं का दावा है कि इन चार विधानसभा क्षेत्रों से कुलमिलाकर करीब 60-65 हजार वोट से आगे रहेंगे। जब हमने हम(से.) दो बड़े नेताओं से उनका मंतव्य लेना चाहा तो एक का कोई जवाब मतों के हिसाब से तो नहीं आया लेकिन उन्होंने कहा-‘ कड़ाही छाप को सर्वाधिक मत हासिल है और हमारी पार्टी जीत रही है। इसी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने जो बातें कही वो इस प्रकार है-Sabhi vidhansabha me jitenge mahoday, Jeet ki marzin one lakh se one lakh fifty thousand ke beech rahega जबकि कांग्रेस के एक नेता ने जो कहा, वो उनकी ही भाषा में इस प्रकार है- मेरे विचार से गया टाउन में एनडीए को लगभग 25000 की बढ़त,वजीरगंज से 10000 की बढ़त।महागठबंधन को बाराचट्टी से 15000,बोधगया से 15000,शेरघाटी से 10000 और बेला से लगभग 15000 से ज्यादा से बढ़त!!
अब कौन जीत रहा है ये तो 04 जून को ही पता…
Magadhlive टीम ने जो इस एक महीने तक सर्वे किया वो व्यक्तिगत तौर पर लोगों से किए गए सवाल और उनके जवाब पर आधारित है। लोगों से नाम न उजागर करने की बात भी हमारी टीम ने शर्त रखी थी। अब जबकि एक महीने पूरे हो गए हैं और कई चरणों में चुनाव होना बाकी है। बात हम गया संसदीय सीट की कर रहे है तो magadhlive टीम के सर्वे और चुनाव परिणाम में भिन्नताएं हो सकती है, इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन गयावासियों के लिए यह रिपोर्ट बनाई गई है। कोशिश की गई है कि सर्वे किसी प्रकार के राजनीतिक दल से प्रेरित नहीं हो। बल्कि मतदाता, जनता और नेताओं के मंतव्य पर आधारित हो।
रिपोर्ट: देवब्रत मंडल,संपादक, दीपक कुमार, निदेशक के साथ हमारी टीम