देवब्रत मंडल
गया नगर निगम में शिकायतें आम बात है। जन सरोकार से जुड़े इस स्वायत्त शासन में चुन कर आए जनप्रतिनिधियों की शिकायतें यह प्रमाणित करने को काफी है कि नियंत्रण में कोई कर्मचारी नहीं है। जब जनता द्वारा चुन कर आने वाले वार्ड पार्षद की बात एक वार्ड जमादार नहीं सुनते, इसके ऊपर के संबंधित पदाधिकारी भी टाल मटोल कर दे रहे हैं तो स्वाभाविक है कि एक जनप्रतिनिधि अपने स्वाभिमान की रक्षा में कोई भी कदम उठा ले तो अतिश्योक्ति नहीं हो सकता।
हम बात कर रहे हैं वार्ड नं 36 की। यहां की पार्षद वसंती देवी हैं। जो पहली बार निगम चुनाव में जीत दर्ज कर जनता की सेवा की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले तो लीं लेकिन अब ये इस्तीफा देने की राह पर हैं। इनके पुत्र धर्मेंद्र कुमार हैं। इनका कहना है कि इस वार्ड के सफाई जमादार मजदूरों से पैसा मांगते हैं। जिसका इनके पास ऑडियो और वीडियो भी है। यहां तक कि वार्ड पार्षद इसकी शिकायत नगर आयुक्त से लिखित रूप से कर चुकी हैं, वावजूद इसके इनके वार्ड में साफ सफाई की स्थिति खराब है। पार्षद पुत्र धर्मेंद्र कुमार का कहना है कि जनता ने उन्हें (मां को) बड़ी उम्मीदों के साथ अपना जनप्रतिनिधि चुना है लेकिन एक वार्ड जमादार अर्जुन पासवान की वजह से हर तरफ से शिकायतें आ रही है। कहने पर सुनते भी नहीं। यहां तक कि साफ सफाई के नोडल पदाधिकारी और स्वास्थ्य निरीक्षक भी नहीं सुनते। बात जब सिर से ऊपर हो जाता है तो नगर आयुक्त से अपना दर्द बयां करते हैं तो कुछ समय के लिए स्थिति में सुधार तो हो जाता है लेकिन पुनः वही ढाक के तीन पात वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है।
धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि आज(31 मई 2024) तक बड़े नालों की भी सफाई पूरी नहीं हो पाई। जबकि समय सीमा 31 मई तक निर्धारित किया गया है। इन्होंने बताया कि नगर आयुक्त से कहने पर उनके वार्ड मजदूरों की संख्या में वृद्धि हुई पर साफ सफाई नगण्य है। कई मोहल्ले वालों की ओर नित्य दिन शिकायतें मिल रही है। जनता को जवाब देते हुए खुद को शर्मिंदगी महसूस होती है।
धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यदि एक दो दिनों के अंदर यदि सफाई व्यवस्था में सुधार और जमादार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो मां पार्षद पद से अपना इस्तीफा सौंप देंगी।