देवब्रत मंडल
गया जंक्शन पर रही चार वर्षीया मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सभी अपराधियों को आरपीएफ, जीआरपी की संयुक्त टीम ने तीसरे दिन गिरफ्तार कर लिया है। इस कांड में शामिल सभी अपराधी गया जिले के गुरारू का रहने वाला है। पुलिस ने 50 घंटे के अंदर सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर इस कांड का सफल उदभेदन कर लिया है।
आरपीएफ के गया पोस्ट प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश ने बताया है कि घटना के बाबत पीड़िता के पिता के बयान पर गया रेल थाना में कांड संख्या 112/ 24 दिनांक धारा 376 A,B आईपीसी एवं 04 पोस्को एक्ट के तहत अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया गया था। जिसके बाद आरपीएफ एवं जीआरपी द्वारा एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। सबसे पहले सीसीटीवी का अवलोकन किया गया। परिस्थितजन्य के रूप में पीड़ित बच्ची को एक अज्ञात व्यक्ति के द्वारा प्लेटफार्म संख्या दो/तीन से दिल्ली छोर की तरफ ले जाते हुए देखा गया। इस फुटेज के आधार पर सर्वप्रथम बच्ची/पीड़िता की बरामदगी प्लेटफॉर्म नंबर 07 के पास एक झाड़ी से की गई।
तकनीकी जांच की दिशा में एफएसएल जांच हेतु बच्ची के कपड़े को सुरक्षित रखा गया। जिसके बाद डॉग स्क्वॉड को सुरक्षित रखें कपड़े को सुंघाकर घटनास्थल का छानबीन कर अपराधियों तक पहुंचने का प्रयास किया गया। उन्होंने बताया
सीसीटीवी कैमरे के प्रत्येक कोन से अपराधी के प्रवेश एवं गतिविधि पर आकलन किया गया और उसकी फोटोग्राफ एवं वीडियोग्राफी प्राप्त किया गया। आरपीएफ, जीआरपी के द्वारा संयुक्त रूप से सभी सरकारी/ गैर सरकारी सूचना तंत्र से समन्वय स्थापित किया गया। विभिन्न स्थानीय थाना, वार्ड सदस्य, पंचायत प्रतिनिधियों, स्टेक होल्डर, कुली, अधिकृत हॉकर, भेंडर, टेंपो/ रिक्शा चालकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर सीसीटीवी से प्राप्त फोटो को शेयर किया गया। जिसके बाद विभिन्न संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़ा गया एवं आवश्यक पूछताछ पश्चात सत्यापन नहीं होने पर छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया गया स्टेशन के पुनर्निर्माण में संलग्न करीब 250 प्राइवेट मजदूर का सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त फोटो के आधार पर टीआई परेड भी किया गया। विभिन्न थाना क्षेत्र में काफी क्लोज कोऑर्डिनेशन बनाए रखा गया।
सभी अपराधी ऐसे पकड़े गए
श्री प्रकाश ने बताया कि अंततः 7 जून को को गुप्त सूत्रों के आधार पर पीड़ित बच्ची को उठाकर ले जाने वाला अभियुक्त को स्थानीय कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत गांधी मैदान के अंदर से अभियुक्त गुड्डू माझी पिता चंदेश्वर माझी पता विनय नगर थाना गुरारू जिला गया को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार गुड्डू के बयान एवं निशानदेही के आधार पर बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना में शामिल दो अन्य अभियुक्त गौतम मांझी पिता जवाहर माझी तथा नीरज माझी पिता राजनाथ माझी दोनों का पता विनय नगर थाना गुरारू जिला गया को गिरफ्तार किया गया। जिसने इस घटना में स्वयं को शामिल होना बताया। उन्होंने बताया पीड़ित बच्ची जिसका इलाज मगध मेडिकल में चल रहा है, जो पूर्ण रूप से होश में है। उनकी मां के माध्यम से और अनुसंधानकर्ता मंजूलता उप निरीक्षक जीआरपी गया के माध्यम से गिरफ्तार तीनों व्यक्तियों की पहचान कराई गई, जिसे पीड़ित बच्ची के द्वारा पहचान कर पुष्टि किया गया।
न्याय दिलाने के लिए यह कदम भी उठाया गया
उन्होंने बताया सभी गिरफ्तार अभियुक्तों का प्रॉपर मेडिकल चेकअप एवं उनके सीमेन को भी सैंपल जांच हेतु अनुसंधानकर्ता के अनुरोध पर सुरक्षित रखा गया है। इसके बाद सभी तथ्यात्मक साक्ष्यों को संकलित कर वरिय पुलिस अधिकारी के निर्देश पर अनुसंधानकर्ता द्वारा गहन एवं बारीकी अनुसंधान किया जा रहा है, ताकि गिरफ्तार सभी अभियुक्तों को विधिसम्मत सजा दिलाई जा सके।
पूरा स्टेशन एरिया खुला हुआ है
आरपीएफ एवं जीआरपी ने अपने अपने वरीय अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते कहा है कि वर्तमान में गया स्टेशन पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। पुराने सभी भवनों को तोड़ दिया गया है। नए भवन के निर्माण में केसीपीएल के करीब 300 कर्मचारी व अधिकारी लगे हुए हैं। लिहाजा सारे स्टेशन एरिया खुला हुआ अवस्था में है।
वर्तमान में सीसीटीवी के 11 कैमरे को खोल दिया गया है
बता दें कि इन दिनों गया जंक्शन के पुननिर्माण के कारण संबंधित विभाग द्वारा 14 सीसीटीवी कैमरे को खोल दिया गया है। जिसके कारण हर जगह का लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रहा है। जिसका फायदा अवांछित लोगों का प्रवेश सुगम हो चला है। उन्होंने बताया घटना के उद्वभेदन के लिए गया पोस्ट स्तर से निरीक्षक प्रभारी आरपीएफ गया, उप निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद, प्रधान आरक्षी संतोष कुमार सिंह, आरक्षी आलोक कुमार सक्सेना, आरक्षी शशि शेखर, आरक्षी विकास कुमार एवं आरक्षी अमित कुमार शामिल थे। जिनके लिए अधोहस्ताक्षरी के स्तर से उनके उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए उचित रिवॉर्ड हेतु देने की अनुशंसा की गई है।
पटना जाने के लिए आया था पीड़ित बच्ची का परिवार
बताते चलें कि पीड़िता के पिता ने अपने बयान में पुलिस को बताया है कि घटना की रात पटना जाने के लिए गया जंक्शन पर आए थे। लेकिन ट्रेन छूट जाने के कारण प्लेटफॉर्म नंबर 2/3 के दिल्ली छोर वाले फुटओवर ब्रिज के नीचे ठहर गए। देर रात जब नींद खुली तो देखा कि उनकी चार वर्षीया पुत्री नहीं है। जिसके बाद उन्हें लगा कि भटक कर कही चली गई है जिसे काफी ढूंढने का प्रयास किए। जब नहीं मिली तो गया रेल थाना को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद बच्ची प्लेटफॉर्म नंबर सात के पास एक झाड़ी में लहूलुहान अवस्था में मिली। इसके बाद पुलिस कार्रवाई में जुट गई।
चाइल्ड हेल्प ग्रुप और चाइल्ड हेल्प लाइन की टीम
भारतीय रेल का स्पष्ट आदेश है कि प्रत्येक स्टेशन पर स्टेशन अधीक्षक/स्टेशन मास्टर की अध्यक्षता में चाइल्ड हेल्प ग्रुप गठित किया जाए। जिसके आधार पर यहां भी एक टीम गठित है लेकिन शायद ही कभी कभार इस टीम को एकसाथ भ्रमण प्लेटफॉर्म पर करते हुए देखा गया हो या इसकी नियमित भी बैठक भी होती है। वहीं चाइल्ड लाइन की टीम को भी कभी कभार ही प्लेटफॉर्म पर भ्रमण करते अब देखा जाता है। जब से इसका नियंत्रण राज्य सरकार के हाथों में चला गया है यह टीम उतनी सक्रिय रूप से कार्य करती नजर नहीं आती है। यदि ये टीमें सक्रिय हो कर दायित्वों का निर्वहन करे तो शायद इस तरह की शर्मनाक घटना गया जंक्शन पर घटित नहीं होने की संभावना रहती।