देवब्रत मंडल
शराब माफिया इसके अवैध व्यापार के तौर तरीके हर बार बदल दिया करते हैं। इस बार तो एक नया मामला सामने आया है। शराब माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने के लिए ट्रेन के दिव्यांग कोच का सहारा लिया पर यहां भी उसकी चालाकी पकड़ में आ गई। शराब की बड़ी खेप उत्तर प्रदेश से बिहार के गया होते जहानाबाद जिले के मखदुमपुर पहुंचना था। लेकिन गया जंक्शन पर हर पल चौकसी बरत रही आरपीएफ़ और राजकीय रेल थाना की पुलिस की टीम ने शराब को बरामद करते हुए इस अवैध कारोबार में संलिप्त गिरोह के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है। आरपीएफ गया पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश तथा रेल थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि आरपीएफ़ एवं जीआरपी गया द्वारा संयुक्त रूप से अपराधिक निगरानी एवं दिव्यांग कोच में अनाधिकृत रूप से यात्रा करने के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा था। इसी क्रम में गाड़ी संख्या 14262(एकात्मता एक्सप्रेस) प्लेटफार्म संख्या 4 पर आई। जिसके दिव्यांग कोच में तीन प्लास्टिक के भरे बोरे कोच के गेट पर रख पाया गया और एक व्यक्ति उसके पास खड़ा था। खड़े व्यक्ति से नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम सत्यम कुमार उम्र 29 वर्ष पिता धीरेंद्र प्रसाद मेहता पता रोमी थाना पदमा जिला हजारीबाग झारखंड बताया। बोरे में रखे सामान के बारे में पूछने पर बोला कि इसमें जानवर को खाने वाला भूसा है। उपरोक्त व्यक्ति के पूछताछ के क्रम में उसके हाव भाव से बोरे में रखे सामान पर शक होने पर बोरे की तलाशी ली गई तो तीनों बोरे में कुल 900 अदद अंग्रेजी शराब 08पीएम मार्का का पाया गया जिस पर for sale in (UP) only अंकित था। मौके पर पाए गए विदेशी शराब को विधिवत जप्त किया गया और अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। इंस्पेक्टर अजय प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि बरामद शराब को मुगलसराय(डीडीयू मंडल) से लेकर आ रहा था और मखदुमपुर (दानापुर मंडल ) ले जाना था। बरामद शराब की सरकारी दर से कीमत ₹ 1,08,000 है लेकिन बिहार में इसके चोरी छिपे बेचने पर कीमत इससे कहीं अधिक ही होगी।