देवब्रत मंडल
गया: गया बार एसोसिएशन के वरिष्ठ और अत्यधिक सम्मानित सदस्य, मोहन प्रसाद पटेल का गुरुवार की सुबह आकस्मिक निधन हो गया। उनके असामयिक निधन की खबर ने अधिवक्ता समाज में शोक की लहर फैला दी। बार एसोसिएशन के सचिव मुरारी कुमार हिमांशु, अध्यक्ष ओमप्रकाश सहित सभी सदस्यों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें याद करते हुए कहा कि श्री पटेल की कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा।
हाल ही में हुई हृदय शल्य चिकित्सा और उनके स्वास्थ्य का हाल श्री पटेल की कुछ दिन पहले हृदय शल्य चिकित्सा सफलतापूर्वक हुई थी, जिससे वे स्वस्थ हो गए थे। बुधवार तक वे पूर्णतः स्वस्थ थे और गुरुवार की सुबह भी उनकी तबीयत ठीक थी। उनके अचानक निधन से सभी स्तब्ध हैं। बार एसोसिएशन ने उनके ऑपरेशन में आर्थिक सहायता भी प्रदान की थी, जिससे यह दिखाता है कि अधिवक्ता समाज किस प्रकार एक-दूसरे के संकट में साथ खड़ा रहता है।
बार एसोसिएशन की सहायता योजनाएँ
बार एसोसिएशन ने घोषणा की है कि हीरा बाबू लायर्स वेलफेयर फंड से प्राप्त राशि शीघ्र ही श्री पटेल के परिवार को दी जाएगी। एसोसिएशन ने यह भी बताया कि नियमित प्रैक्टिस करने वाले और फंड के सदस्य न होने वाले अधिवक्ताओं के निधन पर उनके परिवार को 30,000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है, जो श्री पटेल के परिवार के लिए भी लागू होगी।
एसोसिएशन की चुनौतियाँ और भविष्य की दिशा
बार एसोसिएशन, जहां एक ओर अधिवक्ताओं की भलाई के लिए कार्य कर रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ आंतरिक चुनौतियों का सामना भी कर रही है। सदस्यता शुल्क मात्र 5 रुपये प्रति माह होने के बावजूद, कई सदस्य समय पर चैंबर का किराया नहीं दे पा रहे हैं। इसके अलावा, पैरवी फॉर्म, बेल बॉन्ड फॉर्म और वकालतनामा फॉर्म जैसी योजनाओं में भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि श्री पटेल के निधन से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद हमें अधिवक्ता समाज को और सुदृढ़ बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। फंड निर्माण और संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा ताकि भविष्य में किसी अन्य अधिवक्ता को ऐसी कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
श्री पटेल को अंतिम विदाई गया बार एसोसिएशन ने श्री पटेल की आत्मा की शांति और उनके परिवार को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उनका योगदान और उनका सरल और हंसमुख व्यक्तित्व हमेशा अधिवक्ता समाज में याद किया जाएगा। उनकी यादें और उनकी सेवाएँ हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।