देवब्रत मंडल
जनता जब जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए अपना वोट करती है तो यह उम्मीद लगाकर कि उनकी समस्याओं का निदान करा दिया जाएगा। निर्वाचित जनप्रतिनिधि इसके लिए संबंधित सदन में समस्याओं को पटल पर रखते हैं। सदन में विकास संबंधी योजनाओं पर चर्चा होती है और पारित हो जाने के बाद उसे क्रियान्वयन के लिए आदेश जारी किया जाता है। इसके बाद विभागीय या खुली निविदा के माध्यम से योजनाओं को धरातल पर उतार कर जनता की समस्याओं का निराकरण करा दिया जाता है। इसके बाद नेता जनता का विश्वास हासिल करते हैं। लेकिन, गया नगर निगम में ये ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। गया नगर निगम के वार्ड नं 04 की पार्षद अनुपमा कुमारी की माने तो इनके निर्वाचन क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं होता है। पार्षद अनुपमा कुमारी ने गुरुवार को महापौर और नगर आयुक्त को संबोधित एक ज्ञापन में कहा है कि उनके क्षेत्र में नाला निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संवेदक को कार्य करने के लिए कार्यालय से एक पत्र लिखकर एकरारनामा की प्रक्रिया को पूरी करने को कहा गया है। वार्ड पार्षद का कहना है कि उनके वार्ड में बड़े नाले का निर्माण कार्य अबतक प्रारम्भ नहीं हो सका है। इसको लेकर न तो संबंधित अधिकारी और न ही संवेदक द्वारा रुचि ली जा रही है। जिसके कारण योजना फ़ाइल में ही सिमटी पड़ी है और इधर जनता उनसे तरह-2 के सवाल खड़े कर रही है।
पार्षद ने मेयर और नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है और कहा है कि यदि योजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतार कर पूर्ण नहीं किया जाता है तो वे निगम प्रशासन के समक्ष आमरण अनशन करूंगी। उन्होंने कहा कि नाला का निर्माण नहीं होने से क्षेत्र की जनता को बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। वहीं कई एकड़ भूमि जलजमाव के कारण बेकार पड़ी रहती है, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है।